
साय सरकार से न्याय मांगने अनुनय यात्रा निकाली, डेढ़ साल पहले नियुक्त 2900 बीएडधारी शिक्षकों पर बेरोजगारी की तलवार
दो साल पहले बस्तर व सरगुजा संभाग में नियुक्त 2900 बीएडधारी सहायक शिक्षकों की नौकरी खतरे में है। दो सप्ताह के भीतर बीएडधारियों को हटाकर डीएडधारियों को सहायक शिक्षक नियुक्त किए जाने के कोर्ट के आदेश के बाद वे बेरोजगार हो जाएंगे। नौकरी बचाने के लिए बीएडधारी सहायक शिक्षकों ने अनुनय यात्रा निकाली है। साय सरकार से न्याय मांगने सरगुजा से पैदल यात्रा कर रायपुर पहुंचेंगे। दो साल पहले पूर्ववर्ती शासनकाल में बस्तर और सरगुजा संभाग के स्कूलों के रिक्त पदों पर शिक्षकों की भर्ती की गई थी। इस दौरान शासन के आदेश पर प्राइमरी स्कूलों में सहायक शिक्षक के पदों पर बीएडधारियों की भी नियुक्ति की गई। ऐसे सहायक शिक्षकों की संख्या लगभग 2900 है। बीएडधारियों की नियुक्ति पर डीएडधारियों ने आपत्ति की और मामला कोर्ट में गया। कोर्ट ने डीएडधारियों के पक्ष में फैसला सुनाया। पिछले दिनों कोर्ट ने दो सप्ताह के भीतर बीएड के स्थान पर डीएडधारियों की नियुक्ति का आदेश दिया है, जिसके बाद अब 2900 सहायक शिक्षकों की नौकरी खतरे में है। नौकरी बचाने के लिए बीएडधारी सहायक शिक्षक लगातार सरकार पर दबाव बना रहे हैं। इसी क्रम में साय सरकार से न्याय मांगने के लिए बीएडधारी सहायक शिक्षकों ने अनुनय यात्रा निकाली है। यह यात्रा शनिवार को सरगुजा से निकली है। बीएडधारी सहायक शिक्षक पैदल मार्च करते हुए रायपुर पहुंचेंगे।
शासन को निकालना चाहिए रास्ता
पिछले 15 माह से बीएडधारी सहायक शिक्षक अपनी जमा पूंजी लगाकर न्यायालय की लड़ाई लड़ रहे थे। अब सरकार रसे सेवा सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं। शिक्षकों का कहना हैं कि शासन-प्रशासन, नीति निर्माताओं की गलतियों की सजा हमें क्यों दी जा रही है। हम सभी अभ्यर्थी बी.एड., स्नातक/स्नातकोत्तर, टी.ई.टी. की योग्यता रखते हैं। भर्ती परीक्षा में चयनित होकर अपनी पात्रता का प्रमाण दिया है। शिक्षा विभाग में हजारों पद रिक्त हैं। जहां योग्यता के अनुसार विभाग में समायोजित किया जा सकता है। उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान जस्टिस नरेंद्र व्यास द्वारा भी सरकार को इनके समायोजन का सुझाव दिया गया था।